- संघर्ष हो तभी जिंदगी का मजा है, जीत या हार तो ऊपर वाले के हाथ में है इसलिए अपने संघर्ष का मजा लीजिए।
स्वामी शिवानंद सरस्वती
स्वामी शिवानन्द सरस्वती (१८८७-१९६३) वेदान्त के महान आचार्य और सनातन धर्म के विख्यात नेता थे। उनका जन्म तमिल नाडु में हुआ पर संन्यास के पश्चात उन्होंने जीवन ऋषिकेश में व्यतीत किया।
स्वामी शिवानन्द का जन्म अप्यायार दीक्षित वंश में 8 सितम्वर 1887 को हुआ था। उन्होने बचपन में ही वेदान्त की अध्ययन और अभ्यास किया। इसके वाद उन्होने चिकित्साविज्ञान का अध्ययन किया। तत्पश्चात उन्होने मलेशिया में डाक्टर के रूप में लोगों की सेवा की। सन् 1924 में चिकित्सा सेवा का त्याग करने के पश्चात ऋषिकेश में बस गये और कठिन आध्यात्मिक साधना की।
सन् 1932 में उन्होने शिवानन्दाश्रम और 1936 में दिव्य जीवन संघ की स्थापना की। अध्यात्म, दर्शन और योग पर उन्होने लगभग 300 पुस्तकों की रचना की। 14 जुलाई 1963 को वे महासमाधि लाभ किये।
भगवान ने हमें इस मानव शरीर के रूप में एक महान उपहार दिया है। इस मानव जन्म का एकमात्र उद्देश्य, जिसे प्राप्त करना बहुत कठिन है, ईश्वर की प्राप्ति करना और इसलिए जन्म और मृत्यु के इस निरंतर चक्र को समाप्त करना है। इस साइट में 20वीं सदी के महान शिक्षक श्री स्वामी शिवानंदजी महाराज की शिक्षाएँ शामिल हैं। उनकी शिक्षाओं का अभ्यास व्यक्ति को सर्वोच्च आशीर्वाद की स्थिति प्रदान करेगा। ईश्वर-प्राप्ति, जो आपका जन्मसिद्ध अधिकार है। प्रभु में विश्वास को प्रेरित करने और मजबूत करने के लिए, हमने कुछ प्रेरक संदेशों और कुछ संतों के जीवन को शामिल किया है, जिन्होंने उस रास्ते पर कदम बढ़ाया है जिस पर अब हम चलने का प्रयास कर रहे हैं। भगवान आपको निर्बाध आध्यात्मिक प्रगति और आनंद, शांति और रोशनी की प्राप्ति का आशीर्वाद दें।
बाबा नीम करोली
उत्तरी भारत के चमत्कारी रहस्यवादी, पूजनीय और प्रिय श्री बाबा नीम करोली की पवित्र स्मृति को सलाम
भगवन्नाम की महिमा
मानव जन्म ऊर्ध्वगामी प्रगति का द्वार है। पशु-पक्षी, कीट-पतंग, अन्य प्राणी वर्ग में और मनुष्य के जीवन में यही अन्तर है।
दिव्योपदेश
इस जटिल विश्व में जीवन एक अबोध्य रहस्य है जो इस संसार तथा ईश्वर-दोनों को ही युगपत् स्पर्श करता है।
जीवन में चरित्र का महत्व
परम आराधनीय श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज की जन्मशती के पुनीत अवसर की निर्दिष्ट शुभतिथि …….
ज्योति, शक्ति और प्रज्ञा
यह छोटी-सी पुस्तिका वरदान स्वरूप है। यह आपकी जेब-गुरु, नित्य साथी, शक्तिवर्धक टॉनिक तथा कोमल अंकुश है।
कर्म और रोग
कर्म तथा उनके प्रतिफलों का विस्तृत विवरण इसमें दिया गया है। इसके द्वारा विवेकी मनोविज्ञान और अन्तर्दृष्टि …….
महान जीवन की आधारशिला
स्मरण रखिए कि इसी वर्तमान अवधि में ही आप अपना भविष्य बना रहे हैं। आपके जीवन के प्रथम सोपान का, ……
साधना का मार्गदर्शन
परम आराधनीय श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज की जन्मशती के पुनीत अवसर की निर्दिष्ट शुभतिथि २४ सितम्बर …..
संसार उद्धारक भगवान नम
परम आराधनीय श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज की जन्मशती के पुनीत अवसर की निर्दिष्ट शुभतिथि २४ सितम्बर २०१६ है।
अच्छी नींद कैसे सोयें
श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज को आधुनिक रोग, जिसे अनिद्रा कहते हैं, से पीड़ित अनेकों लोगों के ढेरों पत्र नित्य आते थे।
बालकों के लिए दिव्य जीवन ..
जो कल देश के नागरिक बनेंगे,
जिन पर राष्ट्र की भावी आशा केन्द्रित है,
उन सुकुमार- हृदय बालकों को
सप्रेम समर्पित
भगवान श्रीकृष्ण
भगवान् कृष्ण षोडश कला से युक्त पूर्णावतार हैं। उनके उपदेशों के हर शब्द तथा उनके जीवन के हर कर्म …….
भगवान शिव और उनकी आराधना
उमा, गौरी या पार्वती
के परम पति तथा
शाश्वत परमानन्द, ज्ञान एवं अमरत्व
के प्रदाता
भगवान् शिव को समर्पित
ब्रह्मचर्य - साधना
पुरुष के समक्ष एक महान् भ्रान्ति है। वह नारी के रूप में उसको उद्विग्न करती है। इसी प्रकार स्त्री-जाति के समक्ष भी एक ….
देवी माहात्म्य
परम पूज्य गुरुदेव की अंगरेजी पुस्तक ‘देवी माहात्म्य’ के मूलमाग का पाठ-विधि सहित अविकल हिन्दी
धारणा और ध्यान
उन योगियों तथा भक्तों
को
समर्पित
जो धारणा तथा ध्यान द्वारा
जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रयासरत है ।
ध्यानयोग
एकाग्रता का अर्थ है मन को किसी विशेष पदार्थ पर टिकाना। उस पदार्थ के ज्ञान का निर्बाध प्रवाह ध्यान है। …
हठयोग
हठयोग किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्ति हेतु सभी के लिए एक दैवी वरदान है। शरीर एवं मन उपकरण है।…..
हिन्दूतत्व-विवेचन
उन सबको-
जिन्हें हिन्दूतत्त्व तथा
इसके उदात्त दर्शन से प्रेम है
और जो इसकी शिक्षाओं
का अनुसरण करते हैं !
मैं इसका उत्तर दूँ?
यह पुस्तक परम पावन गुरुदेव श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज की विभिन्न प्रकाशित रचनाओं में से संकलित ….
मन : रहस्य और निग्रह
जो आपको ईश्वर से पृथक् करता है, वह मन है। इस मन को ओंकार-चिन्तन या भक्ति के द्वारा हटा दें, तो आपको …..
मानसिक शक्ति
मानव-जीवन में विचारों, बुद्धि तथा संकल्प-शक्ति की भूमिका मूल्यवान् है। यह पुस्तक विचार-शक्ति के विभिन्न …..
मरणोत्तर जीवन और पुनर्जन्म
मरणोपरान्त जीवन के
समस्त रहस्यों को उद्घाटित करने वाले
भगवान् यम, मार्कण्डेय, नचिकेता, सावित्री ….
मूर्तिपूजा का दर्शन और महत्त्व
परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज ने मूर्तिपूजा के दर्शन और महत्त्व से आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को….
प्राणायाम-साधना
इस पुस्तक के विषय अथवा इसके लेखक श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज के गुणों पर बल देना हमारे लिए अनावश्यक ही है।
गीता-प्रबोधिनी
श्रीमद्भगवद्गीता के सिद्धान्तों का सम्पूर्ण दृष्टिकोण इस पुस्तक में संघनित रूप में है। भगवद्गीता के सिद्धान्त ….
गुरु-तत्त्व
यद्यपि आध्यात्मिक गुरु की धारणा के सम्बन्ध में बहुत कुछ लिखा जा चुका है; फिर भी इस महत्त्वपूर्ण विषय को ले ….
जीवन में सफलता के रहस्य
जिनके जीवन का कुछ लक्ष्य है,
और जो उस लक्ष्य की ओर जाना चाहते हैं।
जिनके जीवन में महत्त्वाकांक्षाएँ हैं,
जो उन्हें पूरा ….
सर्वस्नेही हृदय
प्रस्तुत पुस्तक ‘सर्वस्नेही हृदय’ श्री स्वामी वेदान्तानन्द सरस्वती माता जी द्वारा परम पूज्य श्री स्वामी चिदानन्द जी ….
योगवासिष्ठ की कथाएँ
योगवासिष्ठ इस विश्व की एक उत्कृष्ट पुस्तक है। केवल अद्वैत ब्रह्म का ही अस्तित्व है। यह विश्व तीनों कालों में नहीं है।….
सद्गुणों का अर्जुन एवं ...
ॐ
समस्त अभिभावकों एवं शिक्षकों
नेताओं एवं उपदेशकों
को समर्पित
जो करते हैं चरित्र-निर्माण
नर एवं नारियों का
नित्य वन्दना
वेदोक्त पुरुष सूक्त’ महान् ऋषि नारायण द्वारा सृष्टि के विविध रूपों में अभिव्यक्त वैश्विक दिव्य सत्ता के दर्शन…
ज्ञान गंगा
सेवा करो, स्नेह करो, देते रहो, शुद्ध रहो, ध्यान करो तथा अनुभव का संकलन करो। यह शब्द वस्तुतः
सभी धर्मों के ….
शिवानन्द-आत्मकथा
सन्त का जीवन सभी के लिए आदर्श है, जिसका अनुगमन कर सभी अपने जीवन को उन्नत बना सकते हैं। ….
आलोक-पुंज
इस छोटी-सी पुस्तक में सामान्य जन के समक्ष स्वामी जी के अतीत तथा वर्तमान रोचक जीवन की कुछ प्रमुख ….
त्याग शरणागति और आस्था ..
जनवरी २००२ में उड़ीसा के कटक में द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय दिव्य जीवन संघ सम्मेलन सम्पन्न करने के उपरान्त ….
श्री गुरु-पादुका-पूजा ...
श्री स्वामी शिवानन्द ने ८ सितम्बर १८८७ को सन्त अप्पय दीक्षितार तथा अन्य अनेक सुप्रसिद्ध सन्तों और ..
भजन-कीर्तन
श्री स्वामी शिवानन्द जी का जन्म सन्त अप्पय्य दीक्षितार तथा अन्य अनेक प्रख्यात सन्तों तथा विद्वानों के कुलीन…
धनवान् कैसे बनें
समृद्धि, शान्ति और आनन्द की खोज करने वाले समस्त जनों को समर्पित ! ………………………………………………
विद्यार्थी-जीवन में सफलता
बच्चों की शिक्षा राष्ट्र-निर्माण का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है; क्योंकि लोकोक्ति है कि बालक ……
महान् जीवन की पथ-प्रदर्शिका
आध्यात्मिक पुस्तक भले ही बुद्धि को सन्तोष प्रदान करे या न करे, पर यह तो निश्चित ही है कि वह आत्मा तथा प्रज्ञा की ……
सत्संग और स्वाध्याय
महाप्रभु श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज ने पावन सत्संग और स्वाध्याय पर विभिन्न स्थानों पर जो-कुछ विचार प्रकट किये ……
शाश्वत सन्देश
‘शाश्वत सन्देश’ हमारे परमाध्यक्ष परम पूज्य श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज द्वारा समय-समय पर साधकों को ……
मुक्ति-पथ
‘मुक्ति-पथ’ नामक यह पुस्तक आत्म-संयम, मनोनिग्रह, एकाग्रता एवं ध्यान के द्वारा अन्तरात्मा के साक्षात्कार का सरल …..
सत्संग भजन माला
यह पुस्तक ‘सत्संग भजन माला’ यहाँ की पूर्व-प्रकाशित पुस्तकों ‘प्रार्थना-मंजरी’ तथा ‘शिवानन्दाश्रम-भजनावली’…..
साधना-सार
पूज्य श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज द्वारा समय-समय पर उड़ीसा प्रान्त के साधकों में वितरित किये गये उपदेशामृत……
चिदानन्दम्
सद्गुरुभगवान् श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज के अभिन्नरूप श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज की …….
दिव्य योग
योगाभ्यास के महत्त्व को उजागर करते हुए गुरुदेव श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज कहते हैं, “प्रतिदिन …
योग-सन्दर्शिका
‘योग’ शब्द का अर्थ बहुत विस्तृत है। अधिकांश व्यक्ति हठयोग या राजयोग (अष्टांगयोग) को ही योग मानते हैं। …..
जपयोग
जप कि सी मन्त्र अथवा ईश्वर के नाम को बार-बार दोहरानेको कहतेहैं। इस कलि यगु में, जब कि……
हिंदू-पदपादशाही
‘स्वधर्म राज्य-वृद्धिकारणे तुम्ही सुपुत्र निर्माण आहां।’
(- स्वधर्म और राज्य-वृद्धि के कार्य हेतु तुम जैसे सुपुत्र का जन्म हुआ है।)…
श्रीमद्भगवद्गीता भाग
यह पुस्तक ‘सत्संग भजन माला’ यहाँ की पूर्व-प्रकाशित पुस्तकों ‘प्रार्थना-मंजरी’ तथा ‘शिवानन्दाश्रम-भजनावली’…..
हिंदुत्व
हिंदुत्व एक ऐसा शब्द है, जो संपूर्ण मानवजाति के लिए आज भी असामान्य स्फूर्ति तथा चैतन्य का स्रोत बना हुआ है…..
हिंदू-दर्शन
धर्म सिर्फ एक प्रस्ताव या सूत्र नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य व्यक्ति को इस योग्य बनाना है कि वह स्वयं ……
श्रीमद्भगवद्गीता भाग 2
यह पुस्तक ‘सत्संग भजन माला’ यहाँ की पूर्व-प्रकाशित पुस्तकों ‘प्रार्थना-मंजरी’ तथा ‘शिवानन्दाश्रम-भजनावली’…..
भारत की अनतरातमा
भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों पर अनुभाग को अक्सर ‘अंतरात्मा’ कहा जाता है. मौलिक अधिकार ….
राम दर्शन
सो सखु सो गति सो भगति सो तिज चरि सिेह ।
सो वििेक सो रहति प्रभुहमहह कृपा करर देहू।।…………………
मुक्तोद्गार
जो दर्शन, प्रत्यक्ष रूप सेपरमात्मा का
दर्शन करा दे, उसका ही नाम दर्शन है।
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भारतीय संस्कृति कुछ विचार
इस पुस्तक में भारत की सभ्यता, संस्कृति और परंपराओं को लेकर लेखक ने अपने अनमोल विचार रखे हैं।..
श्रीमद्भागवत रहसय
यह एक ऐसा शास्त्र है कि जिसके श्रवण और मनन करने पर कुछ जानने जैसा बाकी रहता नहीं हैं। ..
भारतीय दर्शन
इस खण्ड में भी, जिसका प्रतिपाद्य विषय वैदिक षड्दर्शन का विवेचन है, मैंने पहले खण्ड जैसी ही योजना तथा …
भारतीय दर्शन 2
इस खण्ड में भी, जिसका प्रतिपाद्य विषय वैदिक षड्दर्शन का विवेचन है, मैंने पहले खण्ड जैसी ही योजना तथा …
पैगाम ए मुक्त
महर्षि मुक्त (1906 झंडापुर से 1976 लुधियाना) विरचित ‘पैशाम-ए-मुक्त’ रुहानी शेर-ओ-गजल का अनूठा संग्रह है…..
भगवत गीता
डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति (1952-1962) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। ……
चिदानन्द आत्मकथा
परम पूज्य स्वामी चिदानन्द जी मिाराज ने, चवश्व-कल्याणाथपअचत व्यस्त रिनेतथा अचत चवनीत स्वभाव के कारण….
सामान्य प्रश्न
यह अनुशंसा की जाती है कि आध्यात्मिक पथ पर चलते समय मन को सही स्थिति में स्थापित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को साधना पर उपरोक्त संदेश को पढ़ना चाहिए।
क्या ये किताबें असली हैं
हाँ, ये पुस्तकें पुस्तकालय की मूल पुस्तकें हैं
क्या ये सशुल्क पुस्तकें हैं?
वेबसाइट पर उपलब्ध ये सभी किताबें पूरी तरह से मुफ़्त हैं
किताबों का प्रारूप क्या है
ये पुस्तकें पीडीएफ और एचटीएमएल फॉर्म में उपलब्ध हैं